करोडों रुपए देकर विक्रम विवि में खुलेगी जैन दर्शन पीठ, अस्पताल और आयुर्वेद कालेज

भोपाल
 सूबे की धर्मधानी उज्जैन में 'जैन दर्शन पीठ' खुलेगी। विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में इसकी स्थापना होगी। पीठ के अलावा  सर्वसुविधा युक्त अस्पताल और एक आयुर्वेद कालेज की स्थापना की जाएगी। पीठ की स्थापना में करीब एक करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसे दिगंबर जैन समाज वहन करेगी। इसके अलावा अस्नताल और आयुर्वेद कालेज में भी करोडों रुपए का खर्च होगा, जिसे भी दिगंबर जैन समाज वहन करेगी। विश्वविद्यालय की आगामी कार्यपरिषद की बैठक में पीठ की स्वीकृति का प्रस्ताव रखा जाएगा। दावा किया जा रहा है कि यह देश की पहली जैन दर्शन पीठ होगी।

जैन दर्शन पीठ की स्थापना के लिए समाज के प्रतिनिधिमंडल ने उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव और विक्रम विवि के कुलपति डॉ. अखिलेश कुमार पांडेय को प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव को शीघ्र अमलीजामा पहनाने के लिए कुलपति ने देवास के नेमावर में विराजित विद्यासागरजी महाराज से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने आचार्य श्री से करीब एक घंटे तक पीठ, अस्पताल और आयुर्वेद कालेज स्थापित करने के साथ जैन समाज से जुडे कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उनके साथ समाज के सुधीर जैन, धर्मेंद्र सेठी, अशोक जैन चायवाला, प्रसन्ना बिलाला, शैलेंद्र शाह के साथ थे। कुलपति पांडे ने बताया कि जैन दर्शन पीठ स्ववित्तीय होगी। यह दिगंबर जैन समाज के सहयोग से स्थापित होगी।

पीठ में यह होगा
कुलपति के अनुसार पीठ में शिक्षा, शोध और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम होगा। जैन दर्शन क्या है, साधु-संतों की दिनचार्य कैसी होती है, धर्म का उदग्म कैसे हुआ, जैन धर्म के सिद्धांत क्या हैं, जैसे सवालों का जवाब मिलेगा। यहां विद्यार्थी गोबर से दीये बनाना, सूत कातने, कपड़ा बनाने, आयुर्वेद औषधियों की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। दूसरे चरण में यहां आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल भी बनाया जाएगा।

आचार्य विद्यासागर महाराज पर तीन हजार लोग कर रहे पीएचडी, 44 को हुई अवार्ड
माइक्रोबॉयलॉजी अध्ययनशाला के अध्यक्ष प्रो. सुधीर जैन ने बताया कि विद्यासागर महाराज, जैन समाज के आचार्य संत हैं। उनका जन्म स्थान कर्नाटक का सरलगा गांव है। उन्होंने आचार्य ज्ञानसागर महाराज से 16 वर्ष की उम्र में दीक्षा ली थी। वे 18 वर्ष की उम्र में आचार्य बन गए थे। बुंदेलखंड उनकी कर्म भूमि रही है। दीक्षा लेने के बाद उन्होंने तेल, नमक, शकर का सेवन कभी नहीं किया। आचार्य विद्यासागर महाराज पर वर्तमान में तीन हजार युवा पीएचडी कर रहे हैं। एक दशक में 44 युवा पीएचडी कर चुके हैं, जिनकी पीएचडी अवार्ड तक हो चुकी है।

Source : Agency

9 + 4 =

Ahtieshyam Uddin (Editor in Chief)

Email: nationalsamacharindia2019@gmail.com

Mobile:    (+91) 8770103914

(Office Chhattisgarh)

Chhatisgarh Bureau Office: Vaishali Residency, Shop No.01, Ward No. 44, Shankar Nagar, Bilaspur (CG) Pin: 495004